क्षमा चाहूँगा जो इतने दिनों तक आपसे अलग रहा परन्तु यह पूर्ण रूपेण मेरा दोष नहीं है अपितु मेरी नियति ही संभवतः ऐसी थी। पिछले दिनों मैं कुछ इस तरह अशांत था कि बस मुझे खुद नहीं ज्ञात कि किस संसार में खोया हुआ था मैं। हाँ इतना अवश्य हुआ कि मैं शारीरिक और मानसिक दोनो तरह से असंतुलित हो गया.
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