Sunday, January 20, 2008

क्षमा चाहूँगा जो इतने दिनों तक आपसे अलग रहा परन्तु यह पूर्ण रूपेण मेरा दोष नहीं है अपितु मेरी नियति ही संभवतः ऐसी थी। पिछले दिनों मैं कुछ इस तरह अशांत था कि बस मुझे खुद नहीं ज्ञात कि किस संसार में खोया हुआ था मैं। हाँ इतना अवश्य हुआ कि मैं शारीरिक और मानसिक दोनो तरह से असंतुलित हो गया.

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